जामुन एक सामान्य फल है, जो पूरे भारत में बहुतायत में पैदा होता है | इसकी दो किस्में है, बड़े जामुन आकार में अंडे जैसे होते है और जिन्हे सुवा जामुन कहते हैं | छोटे जामुन आकार में गोल होते है और सामान्यतः इन्हें खट्टा जामुन कहते हैं | बड़े जामुन छोटे जामुन के मुकाबले अधिक मीठे होते हैं | पका फल बाहर से काला और अंदर से बैगनी होता है | इसका गूदा खट्टा-मीठा और बीज हरा-पीला होता है | जामुन की तासीर ठंडी होती है और इसकी कई देसी विदेशी किस्मे होती हैं | लेकिन सबके धर्म, गुण समान हैं | इस फल का अंग्रेजी नाम – Java Plum और Blackberry है | जामुन-फ्रूट से भूख बढती है और भोजन पचाती है, शरीर से गंदगी बाहर निकलती है | इसका खट्टापन और अम्लीय गुण रक्त-दोषों को दूर करते है |
जामुन में कई प्रकार के मिनरल्स, जैसे कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होते है | इस वजह से यह हड्डियों के लिए फायदेमंद तो है ही, साथ ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है | जिन लोगों को खून की कमी है, उनके लिए जामुन का सेवन संजीवनी बूटी की तरह ही है | इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक है, 100 ग्राम जामुन-फ्रूट के सेवन से शरीर को 55 मिलीग्राम पोटेशियम मिलता है | पोटेशियम खनिज से दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक आदि का रिस्क कम होता है | इसका केवल फल ही नहीं, बल्कि पत्तियों के भी काफी फायदे हैं |
जामुन के फायदे
1. मुहं में छाले होने पर जामुन का रस लगाएं |
2. वमन होने पर जामुन का रस सेवन करें |
3. भूख न लगती हो तो कुछ दिनों तक भूखे पेट जामुन क सेवन करें |
4. जामुन के पत्तों का रस तिल्ली के रोग में हितकारी है |
5. जामुन के पेड़ कि छाल का काढ़ा बनाकर पिने से पुराने दस्त बंद हो जाते है एवं मसूड़ों कि सुजन भी कम होती है |
6. जामुन के पेड़ कि छाल को गाय के दूध में उबालकर सेवन करने से संग्रहणी रोग दूर होता है |
7. जामुन के पत्तों कि भस्म को मंजन के रूप में उपयोग करने से दांत और मजबूत होते है |
8. जामुन कि गुठलियों को सुखाकर पीस लें इस पावडर को फांकने से मधुमेह में लाभ मिलता है तथा इस पावडर में थोडा सा गाय का दूध मिलाकर मुहांसों पर रात को लगा लें सुबह ठन्डे पानी से धो लें कुछ ही दिनों में मुहांसे मिट जाएँगे |
9. कब्ज और उदर रोग में जामुन का सिरका उपयोग करें |
10. जामुन का सिरका भी गुणकारी और स्वादिष्ट होता है इसे घर पर ही आसानी से बनाया जा सकता है और कई दिनों तक उपयोग में लाया जा सकता है |
सिरका बनाने की विधि
जामुन का सिरका जितना पुराना होता है यह खाने में उतना ही स्वादिष्ट और पेट सम्बंधित रोगों के लिए उतना ही अधिक लाभकारी होता है | इसलिए काले पके हुए जामुन साफ धो कर पोछ कर मिटटी के बर्तन में नामक मिलाकर साफ कपडे से बांध कर धुप में रख दे | एक सप्ताह धुप में रखने के पश्चात् इसका आप गूदा बना लें इसको साफ कपडे से छान कर रस को कांच के बोतल में भर कर रख दे | आप चाहे तो इस रस के अंदर नमक और काली मिर्च भी डाल सकते है इस तरह से आपका जामुन का सिरका बनकर तैयार हो जायेगा | मुली प्याज गाजर शलजम मिर्च आदि के टुकडे भी सिरके में डालकर इसका उपयोग सलाद पर आसानी से किया जा सकता है |
सावधानी :
1. जामुन एक लाभदायक फल होता है इसको खाने से शरीर को कई तरह के लाभ-फायदे मिलते है हालांकि आप इस फल का सिरका पीते समय थोड़ा ध्यान रखें | कभी भोजन करने के तुरंत बाद जामुन का सिरका ना पिए |
2. जामुन का सिरका आप भोजन करने के एक घंटे बाद ही पिए जामुन का सिरका पीने के बाद कम से कम एक घंटे तक दूध और दही का सेवन भी नहीं करना चाहिए | जामुन साफ धोकर उपयोग में ले |